स्वर विज्ञान ज्योतिष पर अत्यन्त प्राचीन ग्रंथ है। इसमें कुल 395 श्लोक हैं। यह ग्रंथ शिव-पार्वती संवाद के रूप में
ये पुस्तक में ज्ञान चर्चा की है हिन्दी भाषा में है
लिखा गया है। महेश्वरं नमस्कृत्य शैलजां गणनायकम्। गुरुं च परमात्मानं भजे संसार तारकम् अन्वय महेश्वरं शैलजां गणनायकं संसारतारकं गुरुं च नमस्कृत्य परमात्मानं भजे। अर्थ:- महेश्वर भगवान शिव, माँ पार्वती, श्री गणेश और संसार से उद्धार करने वाले गुरु को नमस्कार करके परमात्मा का स्मरण करता